• कृषि सुधार – किसानों की आय दोगुनी करने और तकनीक से खेती को लाभकारी बनाने पर जोर।
  • महिला सशक्तिकरण – महिलाओं के लिए शिक्षा, सुरक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं का ऐलान।
  • युवा सशक्तिकरण – स्टार्टअप, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा सुधारों से युवाओं को नए अवसर देने की घोषणा।
  • महंगाई नियंत्रण – इस दिवाली महंगाई में कमी, GST दरों में कटौती और रोज़मर्रा के सामान सस्ते करने का वादा।
  • गरीबी उन्मूलन – 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर, आने वाले वर्षों में शून्य गरीबी लक्ष्य हासिल करने की योजना
  • आत्मनिर्भर भारत – हर क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक और उत्पादन को बढ़ावा, भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने का संकल्प
  • महावीर नरसिंह बॉक्स ऑफिस हिट—'महावीर नरसिंह' ने बॉलीवुड में छठवाँ सबसे बड़ा हिट बनने का गौरव प्राप्त किया
  • मेजर आसिम मुनीर की परमाणु धमकी पर कड़ा पलटवार—दिल्ली में इसे ‘nuclear sabre-rattling’ कहते हुए इसे स्वीकार नहीं करने का ऐलान
  • रवि किशन की मांग - खाने के रेट और क्वालिटी पर कानून बने भाजपा सांसद रवि किशन ने केंद्र सरकार से ढाबों और होटलों में खाने की कीमत, मात्रा और गुणवत्ता तय करने के लिए कानून बनाने की मांग की.
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NHM कर्मचारियों की हड़ताल, 10 मांगों पर अड़े

मुंगेली में NHM कर्मचारियों की हड़ताल तेज़, 10 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर वादाख़िलाफी का आरोप

मुंगेली में NHM कर्मचारी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने वादे किए लेकिन अब तक किसी पर अमल नहीं हुआ। वे लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं।

मनीष नामदेव, मुंगेली (छत्तीसगढ़): राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन यानी NHM के कर्मचारी एक बार फिर अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने सिर्फ़ आश्वासन दिए, लेकिन अब तक किसी भी मांग पर अमल नहीं हुआ है। NHM कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से आवाज़ उठा रहे हैं। धरना, प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने जैसे कई प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को अब तक अनसुना किया गया है।

इस सन्दर्भ में कर्मचारियों का कहना है कि वर्तमान साय सरकार ने उन्हें समर्थन देने और मांगों पर जल्द निर्णय का वादा किया था, लेकिन अब 20 महीने बीत चुके हैं और स्थिति जस की तस है। वहीँ NHM कर्मियों ने याद दिलाया कि कोरोना काल में उन्होंने दिन-रात मेहनत कर बिना किसी डर के फ्रंटलाइन योद्धा की भूमिका निभाई। लेकिन आज भी उन्हें अपने अधिकारों से वंचित रहना पड़ रहा है।

हमारी 10 सूत्रीय मांगों में नियमितीकरण, स्थायीकरण, ग्रेड पे निर्धारण, लंबित वेतन वृद्धि जैसी मांगे शामिल हैं। जब तक हमें सरकार से लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, हमारी हड़ताल जारी रहेगी।

हम सरकार से सिर्फ़ वादा नहीं, अब ठोस निर्णय चाहते हैं। हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।

सरकार की अनदेखी और लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर NHM कर्मचारियों का आक्रोश अब उबाल पर है। देखना होगा कि सरकार कब तक इस आंदोलन को गंभीरता से लेती है।

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